अध्याय 228 किस तरह की मांग है?

केलेब के शब्द तिरस्कार से भरे हुए थे, जैसे हर अक्षर एक बर्फीला टुकड़ा हो। लेकिन सुसान को इसी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। जितने तीखे उसके शब्द होते गए, उतनी ही उसकी उम्मीदें धूमिल होती गईं।

सुसान के आमतौर पर गंभीर और निष्प्रभावी चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आई। "हमारे काम में, महिला गृहस्वामी की पसंद को ...

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